Monday, May 3, 2010

बम स्क्वाड



शनिवार को ऐसे ही टी.वी का चैनल बदल रही थी, देखा की न्यू योर्क शहर के टाईम्स स्कवैर पे एक कार में कुछ विस्फोटक सामग्री पायी गयी और देखते देखते पुरे इलाके को खाली करवा दिया गया! यहाँ के बम-स्क्वाड को देखा तो अपने इंडिया के बम-स्क्वाड की याद आ गयी! अभी हाल में ही दिल्ली में मिले रेडियो-एक्टिव वस्तुओं की जांच कर रही टीम को देखा था, कैसुअल कपड़ों में, पैर और हाथ में कुछ लपेटा हुआ था और एक लकड़ी से किसी ढेर को हूर रहे थे!

14 comments:

  1. अब अन्तर तो है ही।
    जान की कीमत जितनी कम हो, वह देश उतना विपन्न है।

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  2. ऐसा ही होता है डियर.. ज्ञान जी सही कह रहे हैं..

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  3. यहा मरने के लिये इतने सन्साधन है कि कोई क्या डरे..

    कैफ़ी साहेब ने शायद इसीलिये कहा था..
    "ज़लज़लो मे थी जरा सी गर्मी, वो भी अब रोज ही आ जाते है.."

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  4. मेरी जान हिन्दुस्तान।

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  5. हर एक जान की कीमत एक नहीं होती....
    और फिर ये तो हिन्दुस्तान है!

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  6. ये तो हर जगह दिखता है चाहे कंस्ट्रक्सन में काम कर रहा मजदूर या फिर पुलिस की ड्रेस.

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  7. जान हो या जज़्बात, जब बात क़ीमत पे आ जाय तो माँग-आपूर्ति का यानी डिमाण्ड सप्लाई का नियम लागू होता है नैसर्गिक रूप से। आपूर्ति जब भी खपत से ज़्यादा होगी, क़ीमत गिरेगी।
    यह बात अलग है कि जान की कोई कीमत है भी या नहीं, क्योंकि ऐसे में बौद्धिकता यही करती है कि "अमूल्य" का लेबल लगाकर मुस्कराते हुए फ़ोटो खिंचा लेती है - कि कितनी बड़ी बात कही हमने।
    आप की पोस्ट से हो कर गुज़रा दो बार, ठहर नहीं पाया सो पढ़ा नहीं पूरा। अब पढ़ा तो लगता है कि एक ग़ज़ल कह डालूँ इस पर भी, इतना अच्छी लगी बात, मगर एक दिन में दो - ज़्यादा हो जाएगा। फिर कभी…

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  8. इयम आकाशवाणी.
    अब आप हनुमान जी का भजन सुनेंगी.
    जब तक हम भौतिकता को भी समान रूप से महत्त्व नहीं देंगे और मोक्ष को परम लक्ष्य मानते रहेंगे, यही होगा.
    पर स्थिति बदल रही है, अब हम तीन प्रतिशत की विकास दर के बजाय नौ पर्तिशत की विकास दर से आगे बढ़ रहे हैं.
    शीघ्र ही हमारे पास भी वह सब होगा जो उनके पास है.
    तथास्तु.

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  9. 9% विकास दर किताबी लगता है ...वही गरीबी, भूखमरी, बेरोज़गारी है! लेकिन हाँ, भ्रष्ट्राचार के मामले में हम बहुत आगे आ चुके हैं!

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  10. बात तो सही है... :(

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  11. अरे हम बहादुर लोग हैं भाई! मरने से नहीं डरते। :)

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  12. ये मेरा इंडिया……

    जिनका पहले ही विकास हो चुका है यह 9 फीसदी की दर उनके लिए है
    ;)

    बाकी के लिए कोई विकास दर है ही कहां अपने यहां।

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  13. अररररे !! अब इसमें भी क्या डरना... बम ही तो है :)

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