Tuesday, May 11, 2010

सोफ्ट ड्रिंक



मेरे ऑफिस में मिलने वाला कोल्ड ड्रिंक का ग्लास और पानी का ग्लास. देखते ही रामदेव बाबा की बात याद आ जाती है (कोल्ड ड्रिंक से संभंधित)

10 comments:

  1. उत्तम!
    फोटो -- कोल्ड ड्रिंक का ग्लास और पानी का ग्लास!!

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  2. अच्छा है । पानी पी लेने से रक्त ढीला पड़ जाता है और कोल्ड्रिंक की तलब नहीं रहती है ।

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  3. हाँ, मैं भी यही करती हूँ! इच्छा हुई तो लेमोनेड या कुछ भी शीतल...

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  4. "सही है टोयलेट क्लीनर पीने से अच्छा तो पानी पीना है...."

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  5. जब प्यास लगी रहती है तो मैं कोशिश करता हूँ की नीम्बू पानी पीऊ या फिर बिलकुल ठंडी चील्ड पानी....वैसे कोल्ड ड्रिंक से ज्यादा अच्छा मुझे लगता है चील्ड पानी के साथ जलजीरा मिलके पीने में....लेकीन अब मन है मानता तो नहीं , इसलिए कोल्ड ड्रिंक भी पी ही लेता हूँ :P

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  6. रम विथ कोला...अदरवाईज वाटर :)

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  7. कहीं हाल में पढ़ा है कि प्रति सप्ताह दो से अधिक कार्बोनेटेड सॉफ़्ट-ड्रिंक पीने वालों को लिवर कैंसर और मधुमेह (डायबिटीज़) हो जाने का तीव्र ख़तरा हो जाता है।
    1) मदिरा से ऐसे ख़तरे की कोई ख़बर नहीं थी।
    2) साइंस की तरक्की बलिदान माँगती रही है। अगली पीढ़ी के भले के लिए हमें भी कुछ करना चाहिए। मैं इसीलिए प्रति दो दिन में दो लिटर थम्स-अप / लिम्का पीकर अपना योगदान दे रहा हूँ।
    3) अगर मैं इन बीमारियों से न मरा, तो भी एक दिन मरना तो है ही, मगर कम से कम पीढ़ियों को इस मानसिक (सिक पर ज़ोर) आतंकवाद से तो मुक्त कर पाऊँगा।

    दस साल पहले किसी भी नल से कहीं भी, हैण्डपम्प से, कुएँ से पानी पी लेते थे। अब नहीं पी पाते। इसी मानसिक आतंकवाद के चलते।
    मेरे घनिष्ठों में दो ऐसे लोग हैं जो आजतक वॉटर फ़िल्टर के दास नहीं बने हैं और नल का पानी सीधे पी रहे हैं, उन्हें बीमारियाँ भी ज़्याध नहीं, कम ही हो रही है अन्य सावधान जमात से।
    सब माया है…

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  8. वाह! अभी तक बचा है ग्लास में!

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  10. कोल्ड ड्रिंक अपन नहीं के बराबर ही पीते हैं, अर्थात कभी-कभार ही। मन ही नई होता।

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