Thursday, June 24, 2010
सेम टू सेम
आजकल जहाँ देखिये वहीँ अंग्रेजी स्पीकिंग सेंटर खुला हुआ है. बड़े शहरों की बात छोडिये, छोटे गाँव देहात में भी जिसे भी थोड़ी बहुत अंग्रेजी आती है, वही क्लास चलता है. मेरे गाँव पर भी शिवाला पर बिसुनधरवा का बेटा क्लास चलाता है. इस बार देख कर आये, बड़ा बढियां चल रहा है छौंड़ा का बिजनेस.
बालीवुड के साथ साथ हालीवुड का हउवा भी देख ही रहे हैं, स्पाइडर मैन का मकड़ी-बबुआ बन चुका है जिसमे टोबे मैग्वायेर बोल रहे हैं - "हम तोहरा मुआ देब रे राक्छ्स!!!"
हम पिछलग्गू की तरह हर काम कर रहे हैं, उनके जैसा पहिनना चाह रहे हैं, उनके अंदाज में बतियाना चाह रहे हैं, और ये लोग तो ना जाने कब से हमारी ही शैली चुरा कर बड़े कान्फिडेंस के साथ प्रयोग कर रहे हैं. उदहारण के लिए देखिये, अमेरिकन्स जब किसी से मिलते हैं तो कहते हैं "what's up man!!", और हमारे यहाँ बच्चे बूढ़े और जवान, "का हो मर्दे!!!"
दूसरा उदहारण, "Get outta here!!", "चल भाग हियाँ से"
एक और लीजिये, "Are you out of your mind??", "बउरा गईल बाड़े का रे?"
देखा ना, सब नक़ल किया हुआ है. सेम टू सेम. हँ न त!
इसलिए, मैं अंग्रेजी सीखने के लिए लुलुआये लोगों से यहीं कहूँगी की बस ५०% मेहनत कीजिये बाकी शैली तो अपनी है ही!
जा झाड के!
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ठेठ देशी अंदाज में अंग्रेजी पसंद आया ।
ReplyDeleteआईला !!!!
ReplyDeleteयह ससुरी अंग्रेजी से अपना पुराना बैर है . बहुत कुछ सीखा लेकिन अंग्रेजी ना सीख पाये हलो थैन्क यू हाउ डु यु डू के अलावा
ReplyDeleteटेंसन मत लीजिए...देख रहे हैं न ....सब चोरी का माल है!
ReplyDeleteहे रे चल भाग हियाँ से ;)
ReplyDeleteहा हा हा पंडियाईन ..हमको लगता है आप बहुते जल्दी उहां अमरीका से चुनाव भी लडोगी और केतना हुसियारी से साबित कर दोगी कि इ अमरीका भी भोजपुर , आरा पटना से ही निकला था असल में । बधा हो ..बन्हिया है हो ...........
ReplyDeleteएकदम लड़ेंगे चुनाव. गदहा छाप से.
ReplyDeleteसब नक़ल किया है रे ..... हा हा हा ..बहुत सही पोस्ट...धन्यवाद्.
ReplyDeleteएक समय था जब कपिलदेव की "रेपीडेक्स इंग्लिश" पर भगवतगीता जैसी आस्था थी । कुछ इंग्लिश जैसा निकले तो । अब नदी के इस पार हैं उनके डूबने की कल्पना से मुस्करा रहे हैं ।
ReplyDeleteभाषा फिरंगिया, स्टाइल देसिया । क्या कहने ?
wow..good hai ji..!!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletehey desi girl!good one.
ReplyDelete(dekha hamain bhi angreji ka bhoot chad gaya hai,is chakkar main kuch galat type ho gaya tha isliye delete kar diya
photu kiska hai?
ReplyDeleteहा हा ...फोटो तो किसी भोजपुरी फिल्म के हीरो का है. अंदाज तो देखिये!
ReplyDeleteहमको भी एही लगता था कि इ अमरीका वाले सब चोरी किये हैं... अब तुम तो उहाँ रह रही हो तो देख के बता रही हो... अच्छा बात है ! अमरीका वालों को भी बता देना- अंगरेजी में :-)
ReplyDeleteमान गए जी मान गए आपकी बात !
ReplyDeletekhushkittai, kitne hi sahi tarike se aapne baat rakhi hai istuti aunty, maan gaye aapko....
ReplyDeleteक्या स्टाइल है कहने का ...जबाब नहीं ..सैम ही सैम है ..
ReplyDeleteहा हा हा . , ये मरदे, इ स्तुतिया इतना सुघर लिखेली की तनिके दिन में चाचा सैम के देशवा क लोग बौरा जयिहन , वोकर भोजपुरी सुन के आपन टिपिर टिपिर अंग्रेजिया भुला जयिहन .चले दे ऐसही झाड़ के.
ReplyDeleteदुबई में त एतना भोजपुरिया लोग मिला हमको कि हमरा पूरा भोजपूरी का प्रैक्टिस हो गया. एहाँ तक कि कोई हमको भैया, कोई पाहुन तक कहने लगा. एक दिन एगो भोजपुरिया नगरेज हमरे सामने प्रकट हुआ अऊर बोला, “ सर! माई रिसीट कम.” हम त अकबका गए. बोले, “ए भाई जी! एक्के हफ्ता में कहवाँ से आ जाई राऊर रसीद.” ऊ भाई जी तुरते एक्सप्रेसन दिए, “ओह! शिट.” हमहूँ लगले पूछ लिए उनहे, “ ए भाई जी! हई जऊन रऊआ ओह शिट कहनीं हँ, एकर माने का होला?” उनका जवाब सुनकर त हम सीट छोड़कर भाग गए. उनका जवाब था, “ओह शिट माने … दुत्तेरे की!” अब ई परिभासा चाहे अनुवाद कोनो दिक्सनरी में मिलेगा का?
ReplyDeleteहाल ही में एक अखबार में मार्क टली का लेख पढ़ा था जिसमें उन्हेांने इसी चलन पर चिंता जताई थी. मार्क ने आगाह किया था कि कहीं हम भारत को नकली अमेरिका तो नहीं बना रहे हैं. इंग्लिश स्पीकने के चक्कर में लोग इधर उधर पीकने वाले नकलची बंदर नजर आते हैं. ...जा बढ़ा के!
ReplyDeleteकंठलंगोटी बाँध के हीरो बन गये जिम्मी !
ReplyDeleteगिटपिट इंग्लिस बोलके कहते अम्मी गिम्मी छिम्मी !!
(Mom give me peas)
waah.. ekdam dhaansu likha hai aur bhojpuri bemisaal
ReplyDeleteHaan apne neembu-mirch bahut pasand aaye :)
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ReplyDeleteबहुत बढ़िया पोस्ट!!
ReplyDelete'शेम' टू सैम... जो हमसब का भाषा चुरा लिया है. पहले बताया होता ता कहते कि; "चल भाग हियाँ से".
बहुत सटीक शोध कर ली हो!! :)
ReplyDeletebahut achha likha hai
ReplyDeleteभोजपुरी में नियर माने नजदीक होता है...लोग कहते हैं वहीं रामगंज के नियरे हबीबगंजौ ..... अंग्रेजी में भी Near माने नजदीक ही होता है :)
ReplyDeleteभोजपुरी में कहते हैं - हमका त लउकात नईखे कहां गईल मुनिया....और अंग्रेजी में भी कहते हैं - Look - देखो....तो ये लउक और Look में भी समानता है :)
बस मज़ा आ गया पढ़ कर . अंतिम पंक्ति " जा झाड़ के " बेजोड है :)
ReplyDeleteha ha ha...
ReplyDeleteja jhar ke....